दीवार लेखन हेतु कुछ नारे जो किशोरों के साथ उपयोगी हैं 

 

 (1)

न हो भेदभाव किसी से,  मिलकर सब ये करो जतन

बिन हिंसा सब एक रहें, इसके लिए सब करो प्रयत्न

 

(2)

मिलजुल कर सब रहे पड़ोसी, ऐसी हमको रीति चाहिए

आपस में हो सहयोग और सम्मान ऐसी हमकों प्रीत चाहिए

 

(3)

व्यवहार हमारा कैसा हो, सुख दुःख में बंधुता बढाने वाला हो

जात पात के बंधन तोड़ें, संवैधानिक मूल्यों से नाता जोड़ें

 

 (4)

मिट्टी पानी हवा रोशनी, ये सब है हम सबका साझा

साझे मेले, तीज त्यौहार, विविध रहा है खान-पान

विविध बोली-भाषा व पहनावा, यही हमारी है पहचान

 

(5)

लडकें जब घर के काम में हाथ बटायें, तभी तो बहनें पढ़नें जाएँ

 

(6)

खेलें –कूदें पढ़े-लिखें, आत्मविश्वास से भरा हो मन 

अब हल्दी की जल्दी नहीं, लड़की नहीं पराया धन

 

(7)

लड़कियों के साथ रोकटोक, जल्दी शादी और मारपीट गलत है

पूरी शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और रोजगार करना उनका हक़ है

 

(8)

घरेलू मारपीट व गाली-गलौज कानूनन अपराध है

आओ! हिंसा और भेदभाव के खिलाफ़ आवाज उठायें

 

(9)

माहवारी कुदरती है इसमें लड़कियों को अछूत बनाना गलत है

माहवारी के बारे में लड़कों को जानना व सहयोग करना जरूरी है

 

(10)

लड़कियों के साथ छेड़छाड़, मज़ाक, भद्दे कमेन्ट, ताने मारना अपराध है

लड़कों और पुरुषों की जिम्मेदारी है कि वे इनके खिलाफ़ आवाज उठायें

 

मित्र बुन्देलखण्ड