बांदा
रामा जी का इमामबाडा जहां हिन्दू परिवार के लोग सारे कार्यक्रम करते हैं !
नाथ संप्रदाय का आश्रम जहां सब धर्म के लोग आकार मन्नत मांगते हैं !
चित्रकूट में बालाजी का मंदिर – इस मंदिर को मुगल बादशाह औरंजेब ने बनाया था। मंदिर के खर्चों के लिए स्थाई रूप से धन मिलते रहने का इंतजाम भी किया था !
खमारिया शरीफ के बाबा निज़ामी और मस्तान शाह बाबा का दरगाह – यहाँ बड़ा मेला लगता है और सभी लोग जाते हैं !
क्षेत्र में कई सारे कबीर आश्रम हैं – भर्खरी, मुरौल, नागौद, सोलन आदि
अलग अलग लोकगीत के परंपरा जैसे – कव्वाली, मुशाइरा, आल्हा, विरह, फाग, राई, विवाह गीत, दीवारी नृत्य आदि
अहमद और रामप्रसाद नाम से दो गायकों की जोड़ी थी – लेकिन अब वे गुजर गए हैं !
कुछ जगहों पर मोहररम के ताजिया बनाने में हिन्दू भी मदद करते हैं, निकालने के समय भी मदद करते हैं !
क्षेत्र में बहुत सारे मेले होते है जहां सभी संप्रदाय के लोग भाग लेते है !
कलिंजर का मेला या कलिंजर महोत्सव में सभी धर्म के लोग शामिल होते हैं – अपनी दुकान लगते हैं, खरीददारी करते हैं, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शामिल होते हैं !
भूरागढ़ का नटबली का मेला – मकर संक्रांति के दिन लगता है। सभी संप्रदाय के लोग अपने मन्नत मांगने आते हैं
सिमोनी धाम का मेला – यहाँ सभी संप्रदाय के लोग आते हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं!
बांदा जिले के चरखारी में गोवर्धनजू देव का मेला- यहाँ हर धर्म के लोग आते हैं
खत्रि पहाड़ का मेला
खेती में लोग एक दूसरे का मदद करते है, कभी कभी एक परिवार दूसरे परिवार से खेत लेकर उसमे खेती करते हैं !
मछली पालन का काम मुसलमान, रैकवार और मल्लाह तीनों बिरादरी के लोग करते हैं!