भारत की साझी विरासत ,सहजीवन और बंधुत्व
भारत विविधताओँ का देश है। जहाँ संस्कृतियां, भाषाएं, धर्मों और परंपराओं का एक समृद्ध ताना बाना सद्भाव और सह अस्तित्व पैदा करता आया है। यह सांस्कृतिक पृष्ठभूमि हजारों वर्षों के इतिहास, प्राचीन सभ्यताओं और आधुनिक प्रभावों का अनूठा मिश्रण है। यहाँ के लोगों को एक दूसरे के साथ मिलजुल कर रहने का एक लंबा इतिहास है।
हमारे देश में विविध धार्मिक प्रथाएँ और परंपराएं हैं जैसे हिंदू, बौद्ध, जैन, सिख, इस्लाम, ईसाई आदि। 1000 सालों से भी अधिक समय से ये सारे धर्म हमारे देश में हैं । हमारे देश के संगीत, नृत्य, साहित्य और दृश्य कलाओं में भी हमारी साझी संस्कृति नजर आती है।
हमारे देश के हजारों पकवान और भोजन में विविधता इसी सांझी संस्कृति से उत्पन्न है।
लोगों के दिनचर्या में भी सह जीवन के उदाहरण दिखते रहते हैं। खेती बाड़ी में लोग एक दूसरे का मदद करते हैं । व्यापार में अगर कोई कारीगर हो तो दूसरा खरीददार है। कई जगह लोग मिल जुलकर ही अपना व्यवसाय करते हैं।
आज भारत का ये रंगीन ताना बाना तनाव में है भारत का विविधतापूर्ण समाज बनाए रखने में हम सब की भूमिका सुनिश्चित होनी चाहिए।
आइये हम सब मिल कर इस शुभ कार्य में शामिल हो जाए।
हमारे देश के साझी संस्कृति और सह जीवन के उदाहरण हमारे देश और समाज में आज भी देखने को मिलते हैं!
त्योहार और समारोह
गंगा जमुनी तहज़ीब
धार्मिक स्थल
भाषा और साहित्य
सांस्कृतिक उत्सव
खेती बाड़ी
व्यापार और बाजार
सामाजिक आंदोलन
स्वतंत्रता आंदोलन आदि
उत्तर प्रदेश कुछ क्षेत्रों के साझी विरासत और सहजीवन के कुछ उदहारण